
Haryana Unrecognized School List: सूची में 500 से अधिक स्कूल शामिल, लिस्ट देखे
हरियाणा राज्य में शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई है, जिसमें प्रदेश भर के उन स्कूलों की सूची दी गई है जो बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं। बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन हरियाणा, भिवानी द्वारा तैयार की गई इस सूची में 500 से अधिक स्कूल शामिल हैं, जो विभागीय मान्यता प्राप्त नहीं करते हैं, फिर भी लगातार संचालित हो रहे हैं।
यह स्कूल राज्य के लगभग सभी जिलों में फैले हुए हैं — जैसे अंबाला, भिवानी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, करनाल, रोहतक, रेवाड़ी और यमुनानगर आदि। सूची में प्री-स्कूल, प्राथमिक, माध्यमिक और सीनियर सेकेंडरी स्तर तक के स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों के पास वैध अनुमति या मान्यता नहीं है, फिर भी वे छात्रों का नामांकन कर रहे हैं, फीस वसूल रहे हैं और बिना आवश्यक शैक्षणिक या संरचनात्मक मानकों के कार्यरत हैं।
भिवानी जैसे जिलों में 20 से अधिक अमान्य स्कूलों का नाम सूची में है, जबकि गुरुग्राम जैसे शहरी और विकसित जिले में भी दर्जनों स्कूल बिना मान्यता के चल रहे हैं। कई स्कूलों के नाम अंग्रेज़ी माध्यम और आधुनिक प्रतीत होते हैं, जिससे माता-पिता को भ्रम हो सकता है कि यह एक भरोसेमंद संस्थान है। कुछ स्कूलों को आंशिक या पुरानी मान्यता प्राप्त है, जबकि कई कभी भी आधिकारिक रूप से स्वीकृत नहीं हुए।
इस स्थिति से हज़ारों छात्रों का भविष्य संकट में पड़ सकता है। अमान्य स्कूल में पढ़ाई करने से बोर्ड परीक्षाओं में बैठने, उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लेने, और भविष्य में नौकरी के लिए प्रमाणपत्र सत्यापन के समय गंभीर समस्याएं आ सकती हैं। इसके अतिरिक्त, ऐसे स्कूलों पर कोई सरकारी निगरानी नहीं होती, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता, शिक्षक की योग्यता, और सुरक्षा मानकों पर सवाल उठते हैं।
राज्य सरकार ने अभिभावकों से अपील की है कि वे किसी भी स्कूल में बच्चों का नामांकन करने से पहले उसकी मान्यता की स्थिति अवश्य जांचें। इसके साथ ही, शिक्षा विभाग ने अपनी मान्यता प्राप्ति पोर्टल को 31 मार्च 2024 को बंद कर दिया है और अब स्कूलों को सख्त नियमों का पालन करने को कहा गया है। सूची में कुछ स्कूलों ने मान्यता के लिए पत्र या परमिशन दिखाए हैं, जैसे DSE पत्रांक PSE102024686 दिनांक 14-02-2025, जो इंगित करता है कि कुछ स्कूल वैधता की प्रक्रिया में हैं।
शासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में निरीक्षण में पाए जाने वाले गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना, बंदी या कानूनी कार्यवाही शामिल हो सकती है।
यह सूची राज्य में शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। समय की मांग है कि अभिभावक, शिक्षक और नीति निर्माता मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हर बच्चा एक वैध और गुणवत्ता युक्त स्कूल में शिक्षा प्राप्त करे।
